पहला शिवरात्रीः

श्री झाडखण्डनाथ शिव ज्योर्तिलिंग तीर्थ स्थली मे तीन त्यौहारो को बडा माना जाता है। पहला त्योहार शिवरात्री है। शिवरात्री को चारो पूजाऐं होती है।

दूसरा श्रावण के चौथे सोमवार

श्री झाडखण्डनाथ शिव ज्योर्तिलिंग तीर्थ स्थली में दूसरा बडा त्यौहार श्रावण का चौथा सोमवार को मनाया जाता है। इस त्यौहार पर विशेष नाव कि झांकी से श्री झारखण्डनाथ महादेव को सजाया जाता है। इस दिन भी यहां मेले जैसा माहौल रहता है।

तीसरा फाल्गुनबदी एकम् दोजः

श्री झाडखण्डनाथ शिव ज्योर्तिलिंग तीर्थ स्थली में तीसरा बडा त्यौहार बाबा गोविन्दनाथजी कि पूण्यतिथि फाल्गुनबदी एकम् दोज को मनाया जाता है। इस दिन बाबा गोविन्द्नाथ ने स्वयं की इच्छा से पूर्व घोषणा के तहत अपना शरीर छोड दिया था। बाबा श्रीगोविन्द्नाथ की पुण्य तिथि पर एकम को जागरण करके दूसरे दिन दोज को प्रसाद भक्तगणों में बाटा जाता है। इस दिन भक्तगण भगवान शिव से आर्शीवाद पाने कि कामना के साथ अपने गुरू बाबा गोविन्द्नाथजी को याद करके अपनी श्रद्धा उन्हें अर्पित करते है।

त्यौहारो में विशेष व्यवस्था पानी चढाने कीः

श्री झाडखण्डनाथ शिव ज्योर्तिलिंग तीर्थ स्थली के मुख्य त्यौहार  मे कृपाग्रहम (गर्भग्रह) के उत्तर दिशा वाले गेट पर रामजारों को पानी से भर कर भक्तो के लिए रखा जाता है। और दक्षिण गेट से भक्तो की निकासी होती है। खास बात यह है कि लोगों की अपार भीड़  के बावजूद भी तीर्थ स्थली की व्यवस्था इतनी बेहतर होती है कि लोगो को इन्तजार नहीं करना पड़ता पानी के कारण।